कमियाॅ
कमियों से सफलताओं का गहरा नाता हैं ,
इन्सान् ये तभी समझता हैं जब वो गिरता हैं।
असफलताएं इन्सान को जीने की ख्वाइश बताती है
कामयाबी हासिल करने की राह उसे मिल जाती हैं ।
पर मतलब ये नहीं की इंसान को
हर क्षत्र मेंअसफल होना ज़रूरी हैं ।
बस हम सफल नहीं हो सकते
यह अपने ख्वबो से निकलना ज़रूरी है।१।
सफल वो होता हैं जो अपने फैसले से
दुनियाँ को बदलने की चाह रखता हो
वो हमेशा असफल होता हैं जो अपने फैसले का
दुनियाँ से अलग होने से डरता हो ।२।
ज़िन्दगी हज़ारों मौके देती हैं चलने वाले को
बस फर्क इतना है की कोई गिर कर रुक जाता हैं
तो कोई उठ कर फिर से चलने लग जाता है।
रुकने वाला वही रह जाता हैं और चलने वाला अंत मेँ
अपनी मंजिल तक पहुंच ही जाता हैं।३।
जो लोग सफल हुए है उनके रस्ते देख हैरान होते है लो
कभी उनके रास्तों पर चलने का जज्बा नहीं रखते है ।
अगर उनकी राह पर एक पैर भी रखो तो छाले पड़ जाते है
क्योंकि उनके हरएक कदम पर कठिनाइयों का पड़ाव आता है।४।
कुछ रास्ते देख रुक जाते हैं अनेक लोग तो कुछ
जो उने समज़ आता है वहां चले जाते हैं ।
अगर फिर अहसास हो उन्हें गलती का तो उन रास्तों को
सही बनाने में जुट जाते हैं और रुकने वाले वही रह जाते है ।५।
अगर चलने वाला गिरता भी हैं अपनी राह में तो भी
उससे उसे कोई फर्क नहीं पड़ता हैं क्योकि वो अभी भी
अपनी मंजिल को पाने की चाह रखता है।
वो उठता भी और दूसरों को उठने का ज़ज्बात भी रखता है।६।
कमियां किस में नहीं होती? ये प्रश्न अपने आप से पुछो....
चाँद रोशन करता हैं जहां को पर रोशनी उसकी नहीं होती
कोयल भले गाती हो मधुर पर रंग उसका हैं ।
किसी के चेहरे पे दिखाई पड़ती हैं कमी तो
किसी के आँखों में होती है कमियों की नमी।७।
हर एक प्राणी में उसकी एक खुबी होती है
कोई अपनी खूबी को सफलता का हथियार बना लेता है
तो कोई अपनी कमियों को कोसते रह जाता हैं ।
कहा जाता है कि कुछ लोग ठोकर खाकर बिखर जाते है
तो कुछ लोग इत्तिहास के पन्नों में छा जाते हैं।८।
कलम से
हर्षल जैन
इन्सान् ये तभी समझता हैं जब वो गिरता हैं।
असफलताएं इन्सान को जीने की ख्वाइश बताती है
कामयाबी हासिल करने की राह उसे मिल जाती हैं ।
पर मतलब ये नहीं की इंसान को
हर क्षत्र मेंअसफल होना ज़रूरी हैं ।
बस हम सफल नहीं हो सकते
यह अपने ख्वबो से निकलना ज़रूरी है।१।
सफल वो होता हैं जो अपने फैसले से
दुनियाँ को बदलने की चाह रखता हो
वो हमेशा असफल होता हैं जो अपने फैसले का
दुनियाँ से अलग होने से डरता हो ।२।
ज़िन्दगी हज़ारों मौके देती हैं चलने वाले को
बस फर्क इतना है की कोई गिर कर रुक जाता हैं
तो कोई उठ कर फिर से चलने लग जाता है।
रुकने वाला वही रह जाता हैं और चलने वाला अंत मेँ
अपनी मंजिल तक पहुंच ही जाता हैं।३।
जो लोग सफल हुए है उनके रस्ते देख हैरान होते है लो
कभी उनके रास्तों पर चलने का जज्बा नहीं रखते है ।
अगर उनकी राह पर एक पैर भी रखो तो छाले पड़ जाते है
क्योंकि उनके हरएक कदम पर कठिनाइयों का पड़ाव आता है।४।
कुछ रास्ते देख रुक जाते हैं अनेक लोग तो कुछ
जो उने समज़ आता है वहां चले जाते हैं ।
अगर फिर अहसास हो उन्हें गलती का तो उन रास्तों को
सही बनाने में जुट जाते हैं और रुकने वाले वही रह जाते है ।५।
अगर चलने वाला गिरता भी हैं अपनी राह में तो भी
उससे उसे कोई फर्क नहीं पड़ता हैं क्योकि वो अभी भी
अपनी मंजिल को पाने की चाह रखता है।
वो उठता भी और दूसरों को उठने का ज़ज्बात भी रखता है।६।
कमियां किस में नहीं होती? ये प्रश्न अपने आप से पुछो....
चाँद रोशन करता हैं जहां को पर रोशनी उसकी नहीं होती
कोयल भले गाती हो मधुर पर रंग उसका हैं ।
किसी के चेहरे पे दिखाई पड़ती हैं कमी तो
किसी के आँखों में होती है कमियों की नमी।७।
हर एक प्राणी में उसकी एक खुबी होती है
कोई अपनी खूबी को सफलता का हथियार बना लेता है
तो कोई अपनी कमियों को कोसते रह जाता हैं ।
कहा जाता है कि कुछ लोग ठोकर खाकर बिखर जाते है
तो कुछ लोग इत्तिहास के पन्नों में छा जाते हैं।८।
कलम से
हर्षल जैन
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